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वर्ष 1970 में अपनी स्थापना के बाद से, इस प्रतिष्ठित संगठन ने अनुसंधान एवं विकास में पुलिसिंग में उत्कृष्टता को बढ़ाने के लिए पुलिस के थिंक टैंक के रूप में कार्य किया है। इसका केंद्र-बिंदु पुलिस एवं सुधारात्मक सेवाओं के लिए नीतियां और कार्य प्रणालियां विकसित करना, कार्यों को बेहतर रूप से करने के लिए सुरक्षित तकनीकों की तलाश करना, कानून प्रवर्तन एजेंसियों की क्षमता निर्माण, राज्यों और केंद्रीय पुलिस संगठनों के बीच सहयोग और समन्वय को बढ़ावा देना है। यह पुलिस और जेल संगठनों में सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा दे रहा है और प्रौद्योगिकी, हथियार, यातायात और परिवहन, भूमि और समुद्री सीमा प्रबंधन, पुलिस छवि और पुलिस समुदाय इंटरफ़ेस सहित सभी पहलुओं में पुलिस बलों के आधुनिकीकरण को बढ़ावा दे रहा है।
1 जुलाई, 2024 से लागू होने वाले नए आपराधिक कानून भारत में व्यापक न्याय प्रणाली लाएंगे। नए कानून न्याय प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करते हैं, न कि केवल सजा पर।
नए आपराधिक कानून महिलाओं और बच्चों के विरूद्ध होने वाले अपराधों, आतंकवादी कृत्यों, इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य की स्वीकार्यता आदि को प्राथमिकता देते हैं। नए आपराधिक कानूनों को अपनाने की इस प्रक्रिया में भारतीय न्याय संहिता - 2023 (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता - 2023 (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम - 2023 (बीएसए) के नए प्रावधानों को सीखना और उसके बाद फिर से सीखना शामिल होगा। 27 दिसंबर, 2023 से ब्यूरो नए आपराधिक कानूनों पर व्यापक रूप से प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है।
ब्यूरो के सभी संस्थानों, केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, भोपाल (सीएपीटी) और केंद्रीय गुप्तचर प्रशिक्षण संस्थान, (सीडीटीआई) गाजियाबाद, जयपुर, चंडीगढ़, हैदराबाद और कोलकाता को राष्ट्रीय मान्यता बोर्ड ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (एनएबीईटी) के मानकों के अंतर्गत प्रमाणित उच्च रेटिंग प्राप्त हुई है। नए आपराधिक कानूनों पर पुलिस अभियोजन, अधीनस्थ न्यायपालिका, जेल और फोरेंसिक के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम सभी दूरस्थ इकाइयों द्वारा चलाया जा रहा है।
सीडीटीआई, बेंगलुरु का संचालन अस्थायी व्यवस्था के तहत शुरू किया गया है और 2 अन्य सीडीटीआई के लिए भूमि का अधिग्रहण किया जा रहा है, जो अगरतला और श्रीनगर में स्थापित किए जा रहे हैं। ये दो नए संस्थान उत्तर और उत्तर-पूर्व क्षेत्रों में पुलिस बलों की क्षमता निर्माण में सक्रिय योगदान दे सकेंगे।
ब्यूरो के महानिदेशक के रूप में, मुझे विश्वास है कि बीपीआरएंडडी की टीम निरंतर प्रयासों के साथ, नई सोच, नई पहल और प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ कार्य करेगी और हमारे नागरिकों की मैत्रीपूर्ण, त्वरित और प्रभावी पुलिसिंग की आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करेगी।
जय हिन्द।

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